Budget 2023: भारतीय एडुटेक सेक्टर इन दिनों संकट से जूझ रहा है. Byju’s जैसी दिग्गज एडुटेक कंपनियों को भी बढ़ने के लिए छंटनी का सहारा लेना पड़ा है। एजुकेशनल टेक्नोलॉजी सेक्टर को आने वाले बजट से काफी उम्मीदें हैं, जिससे उन्हें जल्द राहत मिले।

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बजट 2023 उम्मीदें: 2020 और 2021 में कोरोना के दौरान निवेशकों ने भारतीय में निवेश किया एडुटेक सेक्टर में बड़ा कदम उठाया है। शुरुआत में तो इन्हें काफी ग्रोथ मिली, लेकिन समय के साथ-साथ इन्होंने भारत समेत पूरी दुनिया में लोकप्रियता हासिल की है। शिक्षा प्रौद्योगिकी सेक्टर की कंपनियों को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। मौजूदा समय में यह सेक्टर बड़े संकट से घिरा हुआ है। किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए शिक्षा क्षेत्र हमेशा महत्वपूर्ण रहा है। शिक्षा में सुधार से आर्थिक विकास तेजी से होता है। 1 फरवरी, 2023 को केंद्रीय बजट (केंद्रीय बजट) पेश किया जाएगा, ऐसे में इस सेक्टर को आने वाले बजट से काफी उम्मीदें हैं।
एडुटेक क्षेत्र को तत्काल अधिक धन की आवश्यकता है, चाहे वह प्रत्यक्ष धन हो या अप्रत्यक्ष धन। इसका असर स्नातक और स्नातक शिक्षा के निवेश पर दिखेगा। आगामी बजट में उम्मीद की जा रही है कि सरकार शिक्षा में तकनीक के महत्व को बनाए रखेगी। सरकार विशेष रूप से ग्रामीण और अविकसित क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर पर अधिक ध्यान दे सकती है।
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एनईपी और प्रौद्योगिकी के माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा देना
स्कूली शिक्षा के साथ-साथ नई शिक्षा नीति (एनईपी) भी कौशल विकास पर केंद्रित है। उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार शिक्षा क्षेत्र का बजट बढ़ाएगी। एडुटेक उद्योग को आगामी बजट से उम्मीद है कि सरकार टीयर 2 और 3 शहरों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने पर अधिक ध्यान देगी। एनईपी के तहत आने वाले स्किल बेस्ड कोर्स के लिए जरूरी है कि क्लासरूम एजुकेशन में बदलाव किया जाए। इसमें टेक्नोलॉजी अहम योगदान दे सकती है।
मेटावर्स और चैटजीपीटी का प्रभाव
तकनीकी प्रगति की बात करें तो मेटावर्स और चैटजीपीटी का पूरी दुनिया पर प्रभाव पड़ने की संभावना है। इससे छात्रों की सीखने की क्षमता अगले स्तर तक जा सकती है। कैसा रहेगा अगर छोटे बच्चों को 3डी तकनीक और वर्चुअल सेटिंग्स के जरिए एसटीईएम लैब का वास्तविक अनुभव दिया जाए। भविष्य को देखते हुए जरूरी है कि आने वाले बजट में स्मार्ट एजुकेशन पर ध्यान दिया जाए, ताकि देश के बच्चे अभी से ही इस तरह की टेक्नोलॉजी से रूबरू हो सकें।
टैक्स छूट और छूट की उम्मीद
हम सभी जानते हैं कि देश में ज्यादातर सामान और सेवाएं जीएसटी के दायरे में आती हैं। शिक्षा के महत्व को देखते हुए सरकार इस क्षेत्र की मुख्य सेवा जैसे किताबें आदि पर टैक्स में छूट देती है। हालांकि ऑनलाइन कोर्स और स्किल बेस्ड कोर्स पर जीएसटी लागू है। इस क्षेत्र को उम्मीद है कि कौशल विकास या ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने और शैक्षिक समाधान प्रदान करने वाली कंपनियों को छूट दी जाएगी।
एडुटेक का महत्व
जीएसटी रिफंड और छूट के साथ, संभावना है कि छोटे शहरों में भी किफायती शिक्षा समाधान उपलब्ध होंगे। हाल ही में हमने देखा है कि बायजू, अनएकेडमी और वेदांतु जैसी एडुटेक कंपनियों ने लागत कम करने के लिए छंटनी का सहारा लिया है। यह सेक्टर इस समय संकट के दौर से गुजर रहा है। हालांकि फिल्मों, ऑगमेंटेड रियलिटी, ऑडियो फाइल्स, ई-बुक्स आदि के जरिए स्टूडेंट्स को ज्यादा क्रिएटिविटी के साथ पढ़ाया जा सकता है। अब देखना होगा कि आने वाले बजट में सरकार इस सेक्टर को क्या देती है।