बीमारियों की जांच करवाना दिन-ब-दिन महंगा होता जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए एक भारतीय कंपनी ने एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है, जो डायबिटीज से लेकर थायरॉइड तक कई बीमारियों की जांच कर सकेगा। पढ़ें ये खबर…

छवि क्रेडिट स्रोत: गेटी
भारत को विश्व की फार्मेसी कहा जाता है। भारतीय दवा कंपनियां लगातार कुछ न कुछ नया लेकर आती हैं ताकि लोगों को सस्ता इलाज उपलब्ध हो सके। कोरोना महामारी के दौरान भी भारत ने दुनिया को दो सस्ते कोविड टीके मुहैया कराए। अब एक भारतीय कंपनी ने ऐसा उपकरण विकसित किया है जिससे मधुमेह, थायराइड, फर्टिलिटी से लेकर कई संक्रामक और पेट की बीमारियों की जांच की जा सकती है।
भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनी सिप्ला बुधवार को अपना डायग्नोस्टिक डिवाइस लॉन्च किया चिपप्वाइंट लॉन्च किया गया है। कंपनी का यही डिवाइस कई बीमारियों की जांच करने में सक्षम है।
3 से 15 मिनट में रिपोर्ट आ जाएगी
सिप्ला का कहना है कि सिप्वॉइंट से लोग सहज होंगे। पहला यह कि एक ही मशीन से कई तरह के टेस्ट होने से लोगों को कम खर्च में सही टेस्ट रिजल्ट मिल जाएगा। वहीं, इसकी आसान प्रक्रिया और यूजर फ्रेंडली इंटरफेस की वजह से इसे गांव से लेकर मोबाइल वैन और दूर-दराज के इलाकों में इस्तेमाल करना आसान है।
इतना ही नहीं इस डिवाइस से स्वास्थ्य कर्मियों को भी मदद मिलेगी। इस डिवाइस की मदद से बीमारी की जांच के नतीजे 3 से 15 मिनट में मिल जाएंगे।
इन बीमारियों के लिए अलर्ट रहेगा
कंपनी का कहना है कि यह प्वाइंट ऑफ केयर टेस्टिंग डिवाइस है। यह संक्रामक रोगों के साथ-साथ थायरॉइड फ़ंक्शन की जाँच करता है। इसके अलावा कार्डियक मार्कर, सूजन, मेटाबोलिक मार्कर और जमावट मार्कर आदि की भी जांच की जाती है।
इन बीमारियों की जांच सस्ती होने से मरीजों को समय रहते सही फैसला लेने में मदद मिलेगी। साथ ही लोग इन बीमारियों को लेकर खुद को अलर्ट भी रख सकेंगे।
यूरोप को पहचान मिली है
सिप्ला का कहना है कि उसके डिवाइस को यूरोपियन इन-विट्रो डायग्नोस्टिक डिवाइस डायरेक्टिव से मंजूरी मिल गई है। इसे परीक्षण के लिए विश्वसनीय उपकरण माना गया है।
कंपनी के सीईओ (वन इंडिया बिजनेस) अचिन गुप्ता का कहना है कि इससे डायग्नोस्टिक इकोसिस्टम में मौजूद कई गैप को भरने में मदद मिलेगी। इससे मरीजों को भी बड़े स्तर पर लाभ होगा जो हमारी दृष्टि को और मजबूत करता है।