
जैक डोर्सी ट्विटर की बागडोर वापस ले सकते हैं।
एलन मस्क की एंट्री के बाद अब जैक डोर्सी ने ट्विटर बोर्ड से भी अपना नाम वापस ले लिया है। इससे पहले डोर्सी ने सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद ही पराग अग्रवाल को सीईओ बनाया गया था।
एलोन मस्क की एंट्री के बाद जैक डोर्सी (जैक डोर्सी) को अब ट्विटर बोर्ड से भी हटा दिया गया है। इससे पहले डोर्सी ने सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद ही पराग अग्रवाल को सीईओ बनाया गया था। बोर्ड छोड़ने के बाद जैक डोर्सी का अब सोशल मीडिया साइट ट्विटर से कोई लेना-देना नहीं है। उनका रिश्ता पूरी तरह से खत्म हो गया है। फिलहाल विवाद के बाद एलन मस्क और ट्विटर के बीच डील टल गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मस्क ट्विटर पर फेक या स्पैम अकाउंट्स की संख्या को लेकर दबाव बना रहे हैं. इसके बाद विवाद काफी बढ़ गया है।
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स छोड़ने के बाद अब इसका मतलब है कि उनका ट्विटर से कोई लेना-देना नहीं है। डोर्सी ने पिछले साल नवंबर में सीईओ का पद छोड़ दिया था। उस वक्त कहा जा रहा था कि डोर्सी अपने कार्यकाल के अंत तक बोर्ड में बने रहेंगे। उन्होंने 2022 स्टॉकहोल्डर्स मीटिंग में यह घोषणा की।
बुधवार को समाप्त हुआ कार्यकाल
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, डोर्सी का कार्यकाल बुधवार को खत्म हो गया। इसके बाद डोर्सी फिर से शेयरधारकों की सालाना बैठक में शामिल हुए। ट्विटर बोर्ड में चुने जाने का दावा नहीं किया। नवंबर में सीईओ का पद छोड़ने के बाद, डोर्सी ने कहा था कि कंपनी अब अपने संस्थापकों से आगे बढ़ने के लिए तैयार है। उनके इस फैसले के बाद ट्विटर के पूर्व मुख्य तकनीकी अधिकारी पराग अग्रवाल को सीईओ बनाया गया है.
मस्क की डील अटकी
इस इस्तीफे से पहले मस्क की 44 अरब डॉलर में ट्विटर को खरीदने की डील भी चर्चाओं में रही है। पहले यह खबर भी चर्चा में थी कि मस्क की एंट्री के बाद डोर्सी फिर से ट्विटर से जुड़ सकते हैं, हालांकि खुद डोरसी ने इस बात से इनकार किया था। उन्होंने कहा था कि अब वह दोबारा ट्विटर के सीईओ का पद नहीं संभालेंगे।
बोर्ड सदस्य को हटाने के लिए हुआ मतदान
टेकक्रंच की रिपोर्ट के मुताबिक ट्विटर बोर्ड से एक शख्स को हटाने के लिए शेयरधारकों की बैठक में वोटिंग होनी थी. ये वोटिंग मस्क से सहयोगी इगॉन डरबन को हटाने के लिए की जानी थी. डरबन निजी इक्विटी फर्म सिल्वर लेक के सह-सीईओ भी हैं।