छंटनी की प्रक्रिया साल 2022 से जारी है, पिछले साल ट्विटर, मेटा और अमेजन जैसी कंपनियों के बाद अब 2023 शुरू होते ही ओला और वोडाफोन जैसी कंपनियों ने भी हजारों कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला किया है।

छवि क्रेडिट स्रोत: प्रतीकात्मक तस्वीर
नया साल शुरू होते ही कर्मचारियों पर एक बार फिर छंटनी का संकट मंडराने लगा है। पिछले साल ट्विटर और वीरांगना जैसी बड़ी कंपनियों ने छंटनी कर हजारों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था और अब नया साल शुरू होते ही बेंगलुरु की कैब कंपनी ओला कैब और टेलीकॉम कंपनी वोडाफ़ोन ने अपने कई कर्मचारियों की छंटनी करने का भी फैसला किया है।
ओला छंटनी समाचार
बता दें कि ओला ने इस बात की जानकारी नहीं दी है कि कितने लोग छंटनी से प्रभावित होंगे। Inc42 की रिपोर्ट के मुताबिक, ओला ने करीब 200 कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला किया है। रिपोर्ट में यह भी जानकारी दी गई है कि जिन लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है, उनमें ओला कैब्स, कंपनी की वित्तीय सेवाओं (ओला फाइनेंशियल सर्विसेज) और ओला इलेक्ट्रिक के कर्मचारी शामिल हैं।
कंपनी का कहना है कि ओला में छंटनी रीस्ट्रक्चरिंग की कवायद के तहत की गई है। छंटनी का असर नई नियुक्तियों पर नहीं पड़ेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि कंपनी दक्षता बढ़ाने के लिए समय-समय पर टीम में बड़े बदलाव करती रहती है.
वोडाफोन छंटनी समाचार
लोगों को 13 जनवरी को हुई चर्चा की जानकारी देते हुए फाइनेंशियल टाइम्स ने कहा कि वोडाफोन ग्रुप पीएलसी लागत में कमी के कारण सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी करने की योजना बना रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल नवंबर में कंपनी ने बाजार में अपनी कमजोर पकड़ को देखते हुए लागत घटाने के लिए 1 अरब यूरो (करीब 1.08 अरब डॉलर) बचाने की घोषणा की थी।
याद करें कि इस हफ्ते की शुरुआत में 9 जनवरी को ब्रिटिश टेलीकॉम ग्रुप वोडाफोन ने जानकारी दी थी कि कंपनी अपने हंगरी के कारोबार को स्थानीय आईटी कंपनी 4iG और हंगरी के राज्य को बेचने पर सहमत हो गई है। इस सौदे से कंपनी को कुल 1.7 अरब यूरो (1.82 अरब डॉलर) की नकदी मिलेगी।