हॉकी महाकुंभ का आयोजन भुवनेश्वर और राउरकेला में 13 से 29 जनवरी तक किया जाएगा। इस वर्ल्ड कप में कई ऐसी चीजें हैं, जो आप नहीं जानते होंगे

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ओडिशा में 13 जनवरी से हॉकी वर्ल्ड कप शुरू होने जा रहा है। भारत लगातार दूसरी बार हॉकी विश्व कप आयोजित कर रहा है। इस वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने के लिए दुनिया भर से टीमें भारत पहुंच चुकी हैं. भारतीय हॉकी टीम ने पिछले साल के ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीता था। इसके बाद इस टीम से फैंस की उम्मीदें बढ़ गई हैं। अब भारतीय टीम इस सफलता को विश्व कप में भी दोहराने की कोशिश कर रही है, जहां वह वर्षों से खाली हाथ रही है.
खिताब जीतने के इरादे से इस टूर्नामेंट में भारत के अलावा दुनिया भर की टीमें भी अपना पूरा दमखम दिखाएंगी. हॉकी इंडिया और ओडिशा सरकार पिछले तीन साल से टूर्नामेंट की तैयारी कर रही है, जिसके लिए राउरकेला में एक नया स्टेडियम भी बनाया गया है। इस समय पूरा देश हॉकी के दीवाने हैं।
हॉकी विश्व कप की बड़ी बातें
- पुरुष हॉकी विश्व कप का 15वां संस्करण 13 जनवरी से शुरू होगा। इस टूर्नामेंट का फाइनल मैच 29 जनवरी को खेला जाएगा।
- इस टूर्नामेंट में 16 टीमें हिस्सा लेने जा रही हैं। यह तीसरा मौका है जब हॉकी वर्ल्ड कप में 16 टीमें हिस्सा लेंगी। इससे पहले साल 2018 और 2002 में 16 टीमों का वर्ल्ड कप हुआ था।
- भारत को कुल चौथी बार इस टूर्नामेंट की मेजबानी मिली है। उन्होंने इससे पहले 2018 में भुवनेश्वर में, 2010 में नई दिल्ली में और 1982 में मुंबई में इसकी मेजबानी की थी।
- यह पहली बार है जब कोई देश लगातार दूसरी बार इस टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है। साल 2018 में तय हुआ कि या तो 2022 के जून में या फिर 2023 के जनवरी में अगला वर्ल्ड कप कराया जाएगा. 2023 जनवरी के लिए सिर्फ भारत ने बोली लगाई, बाकी देश 2022 में मेजबानी करना चाहते थे। हालांकि भारत को मौका मिला।
- पिछले साल हॉकी विश्व कप का आयोजन भुवनेश्वर में ही किया गया था। हालांकि इस बार भुवनेश्वर के अलावा राउरकेला में भी मैच खेले जाएंगे। यह पहली बार है जब हॉकी विश्व कप का आयोजन दो शहरों में किया जा रहा है।
- राउरकेला में हॉकी विश्व कप के लिए बिरसा मुंडा स्टेडियम बनाया गया है। यह स्टेडियम दुनिया का सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम है। यहां 20000 फैन्स एक साथ मैच देख सकते हैं। बिरसा मुंडा स्टेडियम में 400 खिलाड़ियों और अधिकारियों को समायोजित करने के लिए 225 कमरों वाला एक ‘विश्व कप गांव’ भी है।
- भारत ने इकलौती ट्रॉफी साल 1975 में जीती थी। तब टीम की कप्तानी अजीत सिंह के हाथों में थी जबकि बलबीर सिंह सीनियर उसके कोच थे। इसके बाद से टीम विश्व कप में सेमीफाइनल में जगह नहीं बना पाई है।
- हॉकी विश्व कप में पाकिस्तान सबसे सफल टीम है। भारत के इस पड़ोसी देश ने चार बार यह खिताब जीता है। हालांकि, इस बार वह इस टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहे।
- पाकिस्तान ने यह विश्व कप चार बार जीता है। नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया तीन-तीन बार चैंपियन बन चुके हैं। जर्मनी ने यह खिताब दो बार जीता। वहीं, भारत और बेल्जियम एक-एक बार चैम्पियन रह चुके हैं।
- भारत ने हॉकी वर्ल्ड कप में 95 मैच खेले हैं, जिसमें से उसे 40 में जीत मिली है। 41 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा है। उन्होंने 199 गोल किए हैं जबकि उनके खिलाफ 183 गोल किए हैं।