पाकिस्तान को इस साल सितंबर में एशिया कप की मेजबानी करनी थी, जो एकदिवसीय प्रारूप में खेला जाना था और विश्व कप की तैयारी के रूप में काम करेगा।

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तमाम कोशिशों, दावों और लंबी-चौड़ी बातों के बावजूद पाकिस्तान एशिया कप 2023 होस्टिंग फिसल गई है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने पहले ही टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया था, टूर्नामेंट को पाकिस्तान से बाहर ले जाने का फैसला किया गया था, लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा था। इसी कोशिश के तहत शनिवार 4 फरवरी को एशियन क्रिकेट काउंसिल की आपात बैठक भी हुई, जिसमें साफ हो गया कि टूर्नामेंट पाकिस्तान में नहीं होगा और इसकी वजह सिर्फ बीसीसीआई का रवैया नहीं है. बल्कि खुद पाकिस्तान की खराब वित्तीय स्थिति भी।
एशिया कप के मुद्दे पर पिछले साल अक्टूबर से गतिरोध में चल रहे बीसीसीआई और पीसीबी की शनिवार को पहली बैठक हुई। पीसीबी प्रमुख नजम सेठी के अनुरोध पर बहरीन में एसीसी की आपात बैठक हुई, जिसमें बीसीसीआई सचिव जय शाह और नजम सेठी की मुलाकात हुई. एसीसी की इसी बैठक में यह फैसला किया गया है कि एशिया कप वनडे टूर्नामेंट के लिए वैकल्पिक स्थल पर मार्च में फैसला किया जाएगा.
नई जगह पर फैसला मार्च में
2023 एशिया कप की मेजबानी का अधिकार शुरू में पाकिस्तान को दिया गया था और इसे सितंबर 2023 में आयोजित किया जाना था लेकिन एसीसी अध्यक्ष शाह ने पिछले साल अक्टूबर में घोषणा की कि भारत पाकिस्तान का दौरा नहीं करेगा। इसके बाद से ही काफी बवाल मचा हुआ था और अब साफ हो गया है कि टूर्नामेंट पाकिस्तान से बाहर होगा. संयुक्त अरब अमीरात में तीन स्थान – दुबई, अबू धाबी और शारजाह – टूर्नामेंट की मेजबानी के प्रबल दावेदार हैं, लेकिन इस निर्णय को फिलहाल रोक दिया गया है।
कोहली-रोहित के बिना क्या टूर्नामेंट है
बहरीन में बैठक की जानकारी रखने वाले बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘एसीसी सदस्यों ने आज बैठक की और काफी सकारात्मक चर्चा हुई।’ लेकिन कार्यक्रम स्थल को स्थानांतरित करने का फैसला मार्च तक के लिए टाल दिया गया। लेकिन यकीन मानिए भारत पाकिस्तान नहीं जा रहा है, टूर्नामेंट को ही कहीं और शिफ्ट कर दिया जाएगा. विराट कोहली, रोहित शर्मा और शुभमन गिल जैसे खिलाड़ियों के बिना प्रायोजक टूर्नामेंट से हट जाएंगे।
पाकिस्तान का बुरा हाल भी है वजह
दरअसल बीसीसीआई का रवैया ही नहीं पाकिस्तान का खुद का खराब हाल भी इसकी एक बड़ी वजह बना है. एसीसी के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि सेठी हाल ही में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष बने थे और अगर वह पहली ही बैठक में पीछे हट गए, तो यह उनके देश में बुरा असर पड़ेगा। पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकट और महंगाई से जूझ रहा है। एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट का आयोजन पीसीबी के लिए घाटे का सौदा साबित होगा, भले ही एसीसी इसके लिए अनुदान दे। इसलिए, रणनीतिक रूप से अगर टूर्नामेंट संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित किया जाता है, तो इस बात की पूरी संभावना है कि सभी सदस्य देशों को भी प्रसारण राजस्व से अपना हिस्सा मिल जाएगा।
एक अन्य फैसले में एसीसी नेअफगानिस्तान क्रिकेट नं.D को दिए जाने वाले वार्षिक बजट को छह से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है। एसीसी ने आश्वासन दिया कि वह अफगानिस्तान बोर्ड की हर संभव मदद करेगी ताकि देश में महिला क्रिकेट की बहाली हो सके। तालिबान ने महिलाओं के खेलने पर प्रतिबंध लगा रखा है।