अभी तक देश की सीमाओं की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता था। मक्कार पाकिस्तान भारत से लगी सीमाओं पर तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करता था। उत्तराखंड पुलिस ने जंगलों में अवैध शराब के ठिकानों को नष्ट करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।

टोकन फोटो
अभी तक यही देखा और सुना गया है कि सीमाओं की सुरक्षा और निगरानी की जिम्मेदारी किसी देश की नहीं है। मुफ़्तक़ोर का उपयोग कर रहे हैं। पाकिस्तान लिहाजा पंजाब बॉर्डर पर चोरी-छिपे ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता है नशा-हथियारों की तस्करी के लिए भी करता रहा है। ड्रोन के उपयोग में उत्तराखंड राज्य अब यह इन सबसे चार कदम आगे जा रहा है। इस राज्य की पुलिस ने ड्रोन के जरिए घने जंगलों में मौजूद अवैध शराब के ठिकानों को नष्ट करना शुरू कर दिया है. प्रदेश की पुलिस में यह काम सबसे पहले धर्म नगरी कहे जाने वाले हरिद्वार जिले की पुलिस ने किया है।
मंगलवार को टीवी9 भारतवर्ष से बातचीत में यह जानकारी हरिद्वार जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने दी. फिलहाल प्रयोग के तौर पर यह कदम उठाया गया है। जिसमें उम्मीद से ज्यादा सफलता मिली है। अवैध व कच्ची शराब बनाने का धंधा मुख्य रूप से नगरीय क्षेत्रों से दूर सुनसान या वन क्षेत्रों में किया जाता है. इसके पीछे अवैध शराब बनाने वालों और तस्करों का मानना है, जहां वे घने जंगलों में अवैध शराब बनाते हैं। पुलिस के लिए वहां तक पहुंचना आसान नहीं है। क्योंकि उनके ठिकानों को नष्ट करने से पहले उन जगहों की पहचान करना और चिन्हित करना आवश्यक है जहां वे मौजूद हैं।
अवैध शराब बनाने वाले व तस्कर बेजा फायदा उठा रहे हैं
पुलिस के लिए यह मुश्किल काम है। इसका नाजायज फायदा अवैध शराब निर्माता और तस्कर उठा रहे थे। इसलिए इस बार हरिद्वार पुलिस ने फैसला किया कि क्यों न घने जंगलों, सुनसान नदियों और नालों के किनारे, जहां इस तरह का अवैध कारोबार (कच्ची शराब का उत्पादन) किया जाता है, के ऊपर ड्रोन उड़ाया जाए. एसएसपी हरिद्वार के मुताबिक प्रयोग के तौर पर हरिद्वार जिला पुलिस द्वारा लागू किया गया यह कदम काफी कारगर साबित हुआ है. संभव है कि ड्रोन से निगरानी कर अन्य स्थानों (उत्तराखंड के अन्य क्षेत्रों) में भी ऐसे अवैध शराब उत्पादन अड्डों को पकड़ने का प्रयास किया जाएगा.
उत्तराखंड में हरिद्वार जिले की पुलिस ने ड्रोन के जरिए जंगलों में बरपा तबाही!#हरिद्वार #उत्तराखंड #तस्करी #दवाएं #नशीली दवाएं बेचने वाला समूह @uttarakhandcops @UKCyberPolice @AshokKumar_IPS @PIBहिंदी @PIB_India @PIBDehradun @MygovU @पुष्करधामी pic.twitter.com/D5eR7fqEKy
– संजीव चौहान (@SanjeevCrime) जनवरी 17, 2023
पुलिस ने बनाई रणनीति
एसएसपी हरिद्वार के मुताबिक घने जंगल और जंगल के बीच मौजूद नालों के ऊपर ड्रोन उड़ाकर कच्ची शराब के बड़े अड्डे का पता लगाया गया. उसके बाद तय हुआ कि पुलिस उस अड्डे तक सुरक्षित कैसे पहुंच सकती है? रणनीति बनाई गई कि शराब माफिया को पुलिस के इस कदम की भनक किसी भी तरह न लग जाए। पुलिस को इसमें कामयाबी मिली और जंगल में कच्ची शराब के अड्डे को नेस्तनाबूद कर दिया। ड्रोन से तलाशी कर कच्ची शराब के अड्डे को नष्ट करने के क्रम में पहली बार 10 हजार लीटर लाहन (नकली देशी शराब) जब्त की गयी. साथ ही मौके पर भारी मात्रा में शराब बनाने के उपकरण भी पड़े मिले। जिसे पुलिस ने मौके पर ही नष्ट कर दिया।
जंगल में शराब की फैक्ट्री ड्रोन से पकड़ी गई
इस सिलसिले में दो शराब तस्करों के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. दरअसल उत्तराखंड को “डिग्री देवभूमि मिशन 2025” के क्रम में हरिद्वार पुलिस ने यह फॉर्मूला खोजा है. जंगल में कच्ची शराब व उसकी फैक्ट्री को पकड़ने के लिए कोतवाली लक्सर क्षेत्र में हरिद्वार जिला पुलिस व लक्सर पुलिस की टीम द्वारा ड्रोन का प्रयोग किया गया. जहां से यह अड्डा पकड़ा गया, वह डेरा कलाल के घने जंगलों और नालों में मौजूद था। पुलिस की छापेमारी के बाद कच्ची शराब बनाने के लिए तिरवाल में गड्ढों में छिपाकर रखी गई करीब 10 हजार लीटर लाहन को मौके पर ही नष्ट कर दिया गया.
गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी
दिन भर से देर शाम तक चले इस अभियान के बाद लक्सर कोतवाली पुलिस की टीमें कच्ची शराब बनाने के धंधे में लिप्त आरोपियों को जंगलों और नालों में मांद बनाकर चिन्हित कर रही हैं. शीघ्र ही सभी घने जंगलों एवं आसपास के देहात के गुप्त क्षेत्रों/स्थानों पर इसी प्रकार की कड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध शराब उत्पादन में संलिप्त शराब माफियाओं की पहचान कर उन पर नकेल कसने का यह क्रम जारी रहेगा. लक्सर पुलिस ने डबकी कला थाना कोतवाली, लक्सर निवासी शराब माफिया संतपाल पुत्र समय सिंह व मोनू पुत्र अमर सिंह के खिलाफ ऐसी अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के रिकॉर्ड खंगालने के बाद गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की है. जिला, हरिद्वार।