इंदौर के डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि विवादित किताब ‘ग्रुप वायलेंस एंड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम’ को लेकर पांच दिन पहले मामला दर्ज किया गया था. तभी से इस किताब के लेखक डॉ. फरहत खान की तलाश की जा रही थी.

लेखिका को नोटिस देने पहुंची इंदौर पुलिस
मध्य प्रदेश में इंदौर राजकीय न्यू लॉ कॉलेज की लाइब्रेरी में रखी विवादित किताब के लेखक को पुलिस ने ढूंढ निकाला है. पुलिस ने लेखक डॉ. फरहत खान को पुणे, महाराष्ट्र में ढूंढ़ निकाला है और सीआरपीसी के प्रावधानों के तहत नोटिस दिया है। उन्हें इंदौर आकर उनके मामले की जांच में शामिल होकर जवाब दाखिल करने को कहा गया है। इंदौर पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी। बताया कि मामला सामने आने के बाद से ही लेखक की तलाश की जा रही थी।
इंदौर के डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि विवादित किताब ‘ग्रुप वायलेंस एंड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम’ को लेकर पांच दिन पहले मामला दर्ज किया गया था. तभी से इस किताब के लेखक डॉ. फरहत खान की तलाश की जा रही थी. इसके लिए पुलिस की अलग-अलग टीमें गठित कर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में छापेमारी की जा रही है. उन्होंने बताया कि मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने लेखक खान को पुणे में ढूंढ निकाला. इसके बाद दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के तहत उन पर नोटिस तामील किया गया है।
जांच में सहयोग करने के निर्देश
डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि लेखिका को जारी नोटिस में उन्हें मामले की जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही चार्जशीट पेश किए जाने के वक्त उन्हें कोर्ट में मौजूद रहने को कहा है. पुलिस उपायुक्त के अनुसार इंदौर निवासी खान गुर्दे की गंभीर बीमारी से पीड़ित है और उसे अस्पताल में नियमित डायलिसिस कराना पड़ता है। यहां तक कि जब वह इंदौर से पुणे गईं तो उन्हें महाराष्ट्र की सीमा से लगे मध्य प्रदेश के सेंधवा शहर में डायलिसिस कराना पड़ा।
एबीवीपी नेता ने लिखी थी रिपोर्ट
एबीवीपी नेता और गवर्नमेंट न्यू लॉ कॉलेज के एलएलएम छात्र लकी आदिवाल (28) ने सामूहिक हिंसा और आपराधिक न्याय प्रणाली नामक पुस्तक में आपत्तिजनक सामग्री का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसकी शिकायत पर पुलिस ने 3 दिसंबर को लेखक खान के अलावा इंदौर स्थित प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन और संस्थान के प्रिंसिपल डॉ. इनामुर रहमान और प्रोफेसर मिर्जा मोजिज बेग के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का आरोप है कि कॉलेज की लाइब्रेरी में रखी और कानून के छात्रों को पढ़ाने वाली इस किताब में हिंदू समुदाय और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं.
इनपुट भाषा