पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले का दायरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. पार्थ चटर्जी और उनकी महिला मित्र के खिलाफ कार्रवाई करने के बाद अब ईडी ने तृणमूल कांग्रेस के नेता कुंतल घोष के ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है. बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है.

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पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर बड़ा तलाशी अभियान शुरू किया है। इस बार ईडी ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता कुंतल घोष के परिसरों पर छापा मारा। ईडी फिलहाल हुगली में घोष के घर की जांच कर रही है। इस मामले में ईडी शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं पार्थ के कहने पर ईटी की टीम ने बड़े पैमाने पर भारतीय करेंसी बरामद की है.
ईडी के पास ऐसे इनपुट हैं कि पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में कुंतल घोष की भी अहम भूमिका रही है. कुंतल घोष द्वारा इस घोटाले के माध्यम से बड़े पैमाने पर अवैध आय करने के संबंध में पुख्ता रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इस कार्रवाई के दौरान ईडी पहले से मिले तथ्यों को खंगालने के साथ ही इस घोटाले से जुड़े नए तथ्यों को खंगालने की कोशिश कर रहा है. ईडी अधिकारियों के मुताबिक, पिछले दिनों शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ भी इसी तरह के इनपुट मिले थे। लेकिन जब मामले की जांच शुरू हुई तो मामला बहुत बड़ा निकला.
100 करोड़ से ज्यादा का घोटाला है
सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, 2014 से 2021 के बीच हुए इस शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल लोगों ने अभ्यर्थियों से सौ करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है. इसके अलावा आरोपितों ने शिक्षकों से तबादला, पदस्थापना आदि में भी मोटी वसूली की है। यह मामला बंगाल में निजी स्कूल संचालक संघ के अध्यक्ष तापस मंडल ने उठाया था। तापस ने कुंतल घोष के खिलाफ ईडी में शिकायत भी की थी। इसके बाद ईडी ने यह कार्रवाई शुरू की है। तापस का आरोप है कि कुंतल ने करीब 19.5 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की है। कुंतल ने यह राशि अभ्यर्थियों से नौकरी दिलाने के नाम पर वसूल की है।
नौकरियों में धांधली का आरोप लगाया
ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, यह नौकरी में हेरफेर का मामला है। एक अधिकारी ने बताया कि पार्थ चटर्जी की महिला मित्र अर्पिता से पूछताछ में कई अहम सुराग मिले हैं. जिसके आधार पर पार्थ चटर्जी से पूछताछ की गई। इसमें पूरे मामले का खुलासा हुआ। दोनों को 23 जुलाई को स्कूल नौकरी घोटाले में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह आरोप लगाया जाता है कि वास्तविक उम्मीदवारों को कथित तौर पर ऐसे नामों से हटा दिया गया था जो मेरिट सूची में नहीं थे। ईडी घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग पहलू की जांच कर रहा है।
अर्पिता के अपार्टमेंट से 49.80 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे
ईडी ने दावा किया है कि अर्पिता मुखर्जी से पूछताछ के बाद उनके अपार्टमेंट में तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान ईडी ने फ्लैट से 49.80 करोड़ रुपये नकद बरामद किए। इसके अलावा ईडी ने करोड़ों रुपए के जेवरात और सोने की छड़ें आदि बरामद की थीं। दोनों पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज है। दोनों ने 2012 में शांति निकेतन में एक संयुक्त संपत्ति खरीदी थी।