उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ड्रग माफिया के खिलाफ गई है। इसी का नतीजा रहा है कि हाल ही में एसटीएफ ने चमोली जिले में नशे के एक बड़े अड्डे का भंडाफोड़ किया है. यहां से एक करोड़ की ड्रग्स जब्त की गई है।

छवि क्रेडिट स्रोत: टीवी 9
नशा मुक्त देवभूमि अभियान के तहत उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ उत्तराखंड) ने नशे के एक बड़े अड्डे का भंडाफोड़ किया है। इस छापे में एसटीएफ उसके हाथ ड्रग्स की बड़ी खेप लगी है। जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब एक करोड़ रुपए है। यह छापेमारी राज्य के चमोली जिले में की गई. पिछले पांच साल में एसटीएफ द्वारा बरामद की गई यह अब तक की सबसे बड़ी नशे की खेप मानी जा रही है।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने गुरुवार रात टीवी9 भारतवर्ष को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नशा कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है. जिसमें सीओ एसटीएफ कुमाऊं सुमित पांडेय व प्रभारी निरीक्षक एसटीएफ एमपी सिंह शामिल रहे। चमोली जिले के देवल क्षेत्र के थाना थराली में देर रात एएनटीएफ की टीम (एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स) ने छापेमारी की तो वहां से 3 अंतर्राज्यीय नशा तस्करों को पकड़ा गया.
19 किलो नशीली दवा बरामद
गिरफ्तार नशा कारोबारियों के कब्जे से करीब 19 किलो नशीला पदार्थ बरामद किया गया है. जिसकी कीमत करीब एक करोड़ रुपए (अंतरराष्ट्रीय बाजार में) आंकी जा रही है। पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे चमोली व बागेश्वर जिले के दूर-दराज के इलाकों से यह नशीला पदार्थ लाकर मैदानी इलाकों में सप्लाई करते हैं. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने आगे कहा, यह एसटीएफ द्वारा साल की शुरुआत में नशा तस्करों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। जो सफल भी रहा। बरामद दवा की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 95 लाख से एक करोड़ के बीच आंकी गई है।
तस्करों पर एसटीएफ की नजर
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ के मुताबिक उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में हो रही नशा तस्करी में शामिल तस्करों पर एसटीएफ लगातार नजर रख रही है. इसी क्रम में चमोली जिले से गिरफ्तार इन तीनों तस्करों पर एसटीएफ कुमाऊं की टीम पिछले एक माह से काम कर रही थी. गिरफ्तार आरोपी बड़े ड्रग पेडलर थे जो पिछले कई सालों से पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर ड्रग्स सप्लाई कर रहे थे. एसटीएफ की टीम ने तीनों आरोपियों के खिलाफ थाना थराली, जिला चमोली में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है.
कहां से होती है ड्रग्स की सप्लाई?
साथ ही यह भी जानकारी मांगी जा रही है कि इन तस्करों को इन नशीले पदार्थों की सप्लाई कहां से मिलती है? और ये तस्कर आगे किसको ड्रग्स सप्लाई करते थे? इस ऑपरेशन को अंजाम देने में एसटीएफ के सिपाही वीरेंद्र सिंह चौहान की खास भूमिका थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा नशा तस्करों को गिरफ्तार करने वाली टीम को 10 हजार रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की गई है।