घर बैठे ऑनलाइन सुविधा प्राप्त करने के इच्छुक लोग सतर्क रहें। खासकर वे जो धार्मिक स्थलों के लिए घर बैठे हेलीकॉप्टर बुकिंग सेवा का आनंद लेना चाहते हैं। जिससे उनकी मेहनत और समय की बचत हो सके। घर बैठे सुविधा प्राप्त करने की आपकी इच्छा आप पर भारी पड़ सकती है। आपके बैंक खाते खाली होंगे तो अलग।
साइबर अपराधी (साइबर अपराध) अब वैष्णो देवी को हेलीकॉप्टर से ले गए हैं (वैष्णो देवी ऑनलाइन हेलीकाप्टर बुकिंगयात्रा के नाम पर ऑनलाइन ठगी (ऑनलाइन धोखाधड़ी) कारोबार शुरू हो गया है। तो अब आपको ऑनलाइन हेलीकॉप्टर सेवा बुक करने से पहले सौ बार सोचना होगा। ऑनलाइन धोखाधड़ी का यह सनसनीखेज (देहरादून में ऑनलाइन धोखाधड़ीउत्तराखंड राज्य पुलिस विशेष कार्य बल (उत्तराखंड राज्य पुलिस विशेष कार्य बल)उत्तराखंड पुलिस एसटीएफ) फट गया है। इस संबंध में पीड़िता द्वारा की गई शिकायत पर साइबर क्राइम थाना उत्तराखंड (साइबर क्राइम थाना)उत्तराखंड साइबर पुलिस स्टेशन) मामले में दर्ज किया गया था।
इन सभी तथ्यों की पुष्टि रविवार को उत्तराखंड राज्य पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स के प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (आईपीएस अजय सिंह एसएसपी एसटीएफ उत्तराखंड पुलिस) अजय सिंह, जांच में पाया गया है कि साइबर अपराधी (साइबर अपराधी) ने घर बैठे 9 लाख रुपए हड़प लिए थे। जांच में पता चला कि यह सब ऑनलाइन फ्रॉड का एक तरीका था। मास्टरमाइंड ठगों को बिहार में उत्तराखंड पुलिस ने छापेमारी कर गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार ठगों के पास से एसटीएफ की टीमों को 12 मोबाइल फोन, 14 सिम कार्ड, 18 एटीएम/डेबिट कार्ड भी मिले हैं। यह घटना साबित करती है कि साइबर अपराधियों ने ऑनलाइन ठगी कर देवी-देवताओं के नाम पर अपना काला कारोबार शुरू किया है. गिरफ्तार ठगों ने कबूल किया है कि उन्होंने पर्यटन के नाम पर फर्जी साइट बनाकर ठगी की ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया।
ऑनलाइन ठगी का ऐसा घना जाल बुना गया था
साइबर अपराधियों ने भी इस तरह की धोखाधड़ी के लिए सोशल मीडिया का बेवजह इस्तेमाल किया। ये गिरोह ई-मेल, टेलीफोन और अन्य सोशल साइट्स के जरिए आम जनता से संपर्क करते थे। उसके बाद हम जाल में फंसे संभावित पीड़ित को बताते हैं कि हम घर बैठे मां वैष्णो देवी हेलीकॉप्टर यात्रा सेवा प्रदान करते हैं। इस सनसनीखेज मामले की कहानी वास्तव में निपुण शारदा की शिकायत पर फूट पड़ी है। निपुण शारदा देहरादून के रहने वाले हैं। उन्होंने ही देहरादून साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने बताया था कि मां वैष्णो देवी हेलीपैड सेवा मुहैया कराने के नाम पर कुछ अज्ञात लोगों ने फर्जी साइट बना ली है. इस वेबसाइट के माध्यम से शिकायतकर्ता के फोन कॉल के माध्यम से आरोपी ने मां वैष्णो देवी यात्रा के लिए ऑनलाइन हेलीकॉप्टर सेवा के लिए टिकट बुक करने का फैसला किया।
घर बैठे ऐसे करते थे पीड़ित को ठगा
मामला बनते ही ठगों ने पीड़िता के पास से नौ लाख रुपये बरामद कर लिए। यह भुगतान ऑनलाइन किया गया था। शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम थाना देहरादून में सीआरपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है। संख्या 3/22 धारा 420, 120-बी, भादवी और 66 (डी) आईटी अधिनियम। मामले की जांच साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक पंकज पोखरियाल को सौंपी गई। शिकायतकर्ता विवरण में पुलिस एसटीएफ टीमों को फोन पे और पेटीएम के बारे में जानकारी प्रदान की गई थी। वह जांच में काफी मददगार साबित हुई। यह पाया गया कि साइबर ठगों ने सिटी यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा के खातों में धोखाधड़ी के पैसे प्राप्त किए थे। इसके साथ ही जांच टीमों को खाताधारक की जानकारी भी मिली।
भारत में फैला है धोखाधड़ी का यह जाल
इसलिए जांच टीम बिहार में मौजूद आरोपी अभिषेक आर्यन उर्फ प्रदीप आर्यन और रवि कुमार के पास पहुंची. साइबर पुलिस पुलिस द्वारा अब तक की गई जांच में यह साबित हो गया है कि साइबर अपराधियों का यह गिरोह पूरे भारत में अपना जाल बिछा रहा था. फर्जी साइट को सबसे पहले गिरफ्तार आरोपी ने पर्यटन की आड़ में मां वैष्णो देवी हेलीकॉप्टर टूर सर्विस मुहैया कराने के नाम पर तैयार किया था. उक्त वेबसाइट पर मां वैष्णो देवी हेलीकॉप्टर यात्रा सेवा प्राप्त करने के लिए गूगल से नंबर सर्च कर फोन के जरिए शिकायतकर्ता से संपर्क किया गया था। साइबर ठगों ने ऑनलाइन व्हाट्सएप चैट के जरिए शिकायतकर्ता को रेट लिस्ट भेजी।
ये है पुलिस टीम और गिरफ्तार मास्टरमाइंड
उसके बाद हेलीकॉप्टर यात्रा सेवा बुक कराने के नाम पर पीड़िता से नौ लाख रुपये विभिन्न पर्स व खातों में जमा करा दिए गए। साइबर थाने के इंस्पेक्टर पंकज पोखरियाल के नेतृत्व में इस गिरोह का भंडाफोड़ करने के लिए सब-इंस्पेक्टर राजीव सेमवाल, हवलदार सुरेश कुमार, आरक्षक नितिन रमोला, सुरेंद्र की विशेष टीम गठित की गई थी. जबकि जांच दल को तकनीकी सहायता राज्य पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स की टीमों द्वारा दी जा रही थी. गिरफ्तार साइबर ठगों में से एक अभिषेक आर्यन उर्फ प्रदीप आर्यन है, हाल का पता अजीमाबाद कॉलोनी थाना बहादुरपुर जिला पटना और है. दूसरा ठग रवि कुमार हॉल का पता मुजवलपुर हाट और स्थाई पता गांव बरिथ थाना कतरी सराय जिला नालंदा बिहार में मिला है.
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