सोहन लाल आर्य ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि एक साल पहले तक वह और जितेंद्र सिंह विसेन दोस्त थे. वे मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन के दौरान ही मिले थे। लेकिन जितेंद्र सिंह ने उनके साथ धोखा किया है।

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वाराणसी का ज्ञानवापी मामला पार्टियों के बीच खींचतान का नया मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस पहुंचे एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है. पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार मामले के एक वादी लक्ष्मी सिंह के पति व अधिवक्ता सोहनलाल आर्य ने विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह विसेन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. जितेंद्र सिंह बिसेन ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले की वादी राखी सिंह के चाचा हैं और इस मामले में उनकी तरफ से वकील भी हैं.
पुलिस को दी शिकायत में सोहनलाल आर्य ने बताया कि जितेंद्र सिंह बिसेन ने उसे नोएडा में फ्लैट दिलाने का झांसा दिया था. बताया कि उसके एक परिचित का बहुमंजिला भवन में फ्लैट बिकाऊ है। जितेंद्र सिंह ने उसे सस्ती और आसान किश्तों में फ्लैट दिलाने का झांसा देकर तीन लाख रुपए बुकिंग के तौर पर ले लिए थे। सोहनलाल आर्य के मुताबिक, उसने 11 नवंबर 2021 को आरोपी जितेंद्र सिंह को इस राशि में से एक लाख रुपये आरटीजीएस किए थे। जबकि बाकी के दो लाख रुपये नौ दिसंबर 2021 को उनके खाते में ट्रांसफर कर दिए गए। इसका पूरा रिकॉर्ड उनके पास उपलब्ध है। इसके बावजूद एक साल बीत जाने के बाद भी उनके फ्लैट की बुकिंग नहीं कराई गई। ऐसे में जब उसने जितेंद्र सिंह से अपने पैसे वापस मांगे तो आरोपी शुरू में हिचकिचाया, लेकिन जान से मारने और झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी.
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दोस्ती में धोखा देने का आरोप
सोहन लाल आर्य ने पुलिस को बताया कि एक साल पहले तक वह और जितेंद्र सिंह विसेन दोस्त थे। वे मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन के दौरान ही मिले थे। इसके बाद दोनों ने ज्ञानवापी में मौजूद देवी-देवताओं की मूर्तियों की सुरक्षा के लिए भी मुकदमा दायर किया था। राखी सिंह ने जितेंद्र सिंह विसेन के नेतृत्व में वाराणसी की जिला अदालत में मुकदमा दायर किया है. वहीं, चार अन्य महिलाओं सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी ने भी अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से मुकदमा दर्ज कराया। आरोप है कि जितेंद्र सिंह ने इसी दोस्ती की आड़ में सोहनलाल आर्य को ठगा है।
कमीशन की कार्रवाई से शुरू हुआ विवाद
जानकारी के अनुसार वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में कमीशन कार्रवाई के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था. इसके बाद से ही पक्षों के बीच आपसी विवाद सामने आने लगा। अब आलम यह है कि राखी सिंह और उनके वकील जितेंद्र सिंह विसेन ने अपना-अपना गुट बना लिया है. वहीं सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी एक ग्रुप में हैं। उनकी ओर से अधिवक्ता सोहन लाल आर्य हैं। दोनों पक्ष लगातार एक दूसरे पर आरोप लगाते रहते हैं। कोर्ट में भी ये एक-दूसरे के खिलाफ खड़े नजर आते हैं।