11 निलंबित सब-इंस्पेक्टर, एएसआई, हवलदार कांस्टेबल भी इसी रोहिणी जिले के इन तीन पुलिस थानों (अमन विहार, बेगमपुर-कंझावला) से संबंधित बताए जा रहे हैं।

सीसीटीवी दिल्ली कंझावाला मामला
कंझावला घटना पिछले 13 दिनों से दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी ‘अपमानजनक’ साबित हुए दारोगा-कांस्टेबलों को बचाने की कोशिश कर रहे थे! आखिरकार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लंबी जद्दोजहद के बाद इन्हीं आईपीएस अधिकारियों की कलम से इन लापरवाह पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया. 20 वर्षीय अंजलि को उस रात कार के नीचे लटका कर मारने वाले आरोपियों ने जिन रास्तों का इस्तेमाल किया, वही आज के निलंबित पुलिसकर्मी कथित तौर पर उस मनहूस रात में आंखें बंद करके सो रहे थे!
शुक्रवार को दिन भर रोहिणी जिला पुलिस अधिकारी खुद से निलंबित 11 लापरवाह पुलिसकर्मियों के नाम उजागर करने का प्रयास करता रहा. इस खबर में लेकिन टीवी9 भारतवर्ष रोहिणी जिले के उन तीन थानों में तैनात सभी 11 निलंबित कांस्टेबलों, हवलदारों, कांस्टेबलों के नामों का भी जिक्र कर रहा है. अब देखते हैं कैसे, केंद्रीय गृह मंत्रालय रोहिणी और बाहरी दिल्ली जिले के अधिकारी हैरान रह गएरोहिणी डीसीपी आईपीएस गुरिकबल सिंह सिद्धू तो आपने अपने आप को स्पष्ट रूप से बचा लिया है? दरोगा-कांस्टेबल फंस गए, जिन्हें भी फंसना चाहिए था। दरअसल, शुरुआती खबरों में दो जिले रोहिणी और बाहरी दिल्ली को अंजलि की कथित हत्या में शामिल देखा गया था!
रोहिणी जिले के तीन थानों में पुलिसकर्मी तैनात हैं
बाहरी दिल्ली जिला क्योंकि सुल्तानपुरी थाना क्षेत्र जहां से उस रात अपराध की शुरुआत हुई थी सुल्तानपुरी थाना यह बाहरी दिल्ली जिले में है। जबकि घटना में शामिल बाकी तीन थाना पुलिस थाना अमन विहार, थाना बेगमपुर व थाना कंझावला रोहिणी जिले में आते हैं. जिनके पुलिसकर्मी रात्रि गश्त में लगे उन दो पिकेटों व जिप्सियों में तैनात थे, जिनके क्षेत्र में बदमाश अंजलि कार के नीचे फंसी और 12-13 किलोमीटर इधर से उधर तब तक दौड़ती रही, जब तक कि वह शव में तब्दील नहीं हो गयी. सड़क पर छोड़ दिया। हाल ही में नहीं गिरा है। कंझावला कांड में संदिग्ध पाए गए सभी पुलिसकर्मी रोहिणी जिले के तीन थानों, थाना बेगमपुर, थाना कंझावला व थाना अमन विहार में तैनात बताए जा रहे हैं. विशेष पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर इन सभी 11 पुलिस कर्मियों को शुक्रवार (13 जनवरी 2023) को ही निलंबित करने का आदेश दिया गया है. दिल्ली पुलिस मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो यह निलंबन आदेश रोहिणी जिले के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रविकांत ने जारी किया है.
निलंबित आरक्षकों के नाम
- सत्यपाल-उप निरीक्षक (बेल्ट संख्या-659)
- सत्यपाल-उप निरीक्षक (बेल्ट संख्या-6183)
- विजेंदर-सहायक उप निरीक्षक
- अनिल कुमार-सहायक उप निरीक्षक
- अशोक कुमार-सहायक उप निरीक्षक
- रतन कुमार-सहायक उप निरीक्षक
- नरेश-हवलदार
- सुमित- हवलदार
- नरेंद्र-हवलदार
- नया हवलदार
- निसार खान – कांस्टेबल
इसलिए बच गया सुल्तानपुरी थाना!
11 निलंबित सब-इंस्पेक्टर, एएसआई, हवलदार कांस्टेबल भी इसी रोहिणी जिले के इन तीन पुलिस थानों (अमन विहार, बेगमपुर-कंझावला) से संबंधित बताए जा रहे हैं। अब प्रश्न उठता है कि क्या किसी जिले में (रोहिणी) तीन थानों (अमन विहार, बेगमपुर और कंझावला) के केवल 11 पुलिसकर्मियों को ही क्यों और कैसे निलंबित किया गया है? बाहरी दिल्ली जिले के सुल्तानपुरी अपराध की शुरुआत थाना क्षेत्र से हुई थी, आखिर उस थाने का संचालन केंद्रीय गृह मंत्रालय करता था। स्पेशल सीपी शालिनी सिंह द्वारा की गई आंतरिक जांच रिपोर्ट में आप कैसे बच गए? इस सवाल के जवाब में पता चला है कि हादसा भले ही सुल्तानपुरी थाना क्षेत्र में हुआ हो.
लेकिन उसके बाद अपराधियों ने अंजलि को आधी रात में कार से लटका कर रौंद डाला और कई किलोमीटर तक घसीटते चले गए. ये तीनों पुलिस स्टेशन (अमन विहार, बेगमपुर और कंझावला) रोहिणी जिले के अंतर्गत आते हैं। इसीलिए उस रात रोहिणी जिले की सड़कों पर मौजूद पुलिसकर्मियों (तीन-चार रात की पेट्रोलिंग जिप्सी और दो पुलिस पिकेट) की लापरवाही सामने आ गई. रोहिणी जिले के एडिशनल डीसीपी ने लापरवाह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करवाया.
एक सौ पचास प्रश्न
हालांकि रोहिणी जिला डीसीपी गुरिकबाल सिंह सिद्धू केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी रोहिणी जिले के डीसीपी आईपीएस गुरिकबाल सिंह को केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपना जवाब दिया है या नहीं, उन्हें “कारण बताओ” नोटिस जारी किया है? इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है। शुक्रवार को टीवी9 भारतवर्ष से बातचीत में उन्होंने अपने अधीन 11 पुलिसकर्मियों के निलंबन की पुष्टि जरूर की. रोहिणी जिला डीसीपी के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं था कि लापरवाह और सुस्त साबित होने वाले 11 एसएचओ, एएसआई, हवलदारों, कांस्टेबलों को उन्होंने अपने स्तर पर जांच कराकर निलंबित क्यों नहीं किया? रोहिणी जिले की पुलिस के आला अधिकारी आखिरकार केंद्रीय हो गए गृह मंत्रालय जांच कराने के लिए वे विशेष पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह के साथ क्यों आए?
रोहिणी डीसीपी की चुप्पी
दरअसल इस पूरे मामले में जितना छिछलेदार रोहिणी और बाहरी दिल्ली जिला पुलिस की घटना में हुआ. इस घटना में लापरवाही के लिए जिम्मेदार मातहतों के खिलाफ 13 दिनों तक कोई कार्रवाई न करने का पुलिस द्वारा और भी उपहास उड़ाया गया. कंझावला कांड की शुरुआती जांच में ढिलाई को लेकर मीडिया में हंगामे के बाद ही शायद केंद्रीय गृह मंत्री।गृह मंत्री अमित शाह) को दिल्ली पुलिस की स्पेशल कमिश्नर शालिनी सिंह को सौंपकर मामले की जांच करनी थी। शालिनी सिंह से मिली रिपोर्ट के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इन 11 लापरवाह पुलिसकर्मियों को रोहिणी जिले के पुलिस अधिकारियों से निलंबित करने के बाद भी रोहिणी जिला डीसीपी शुक्रवार को दिन भर खामोश रहे.
ऐसी कौन सी वजहें थीं जिससे अंजलि के हत्यारे 20 साल की लड़की को कार में फंसाकर 12-13 किलोमीटर तक इधर से उधर भागते रहे? और अब इन निलंबित दागी पुलिसकर्मियों को उस रात भनक तक नहीं लगी कि जिन इलाकों में उन्हें निगरानी दी गई थी, उन्हीं इलाकों में नए साल के जश्न की रात एक मासूम बच्ची को गुंडों ने कार के नीचे खींच कर मार डाला. क्या कांपती मौत दी जा रही है? इन तमाम सवालों पर भी उस रोहिणी जिले की पुलिस के अधिकारी खामोश हैं. रोहिणी व बाहरी दिल्ली जिला डी.सी.पी इससे छोड़ो। इस साल की शुरुआत में राजधानी दिल्ली में हुई अब तक की सबसे जघन्य घटना पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर आईपीएस संजय अरोड़ा (IPS संजय अरोड़ा) ने भी चुप्पी साध ली है।
हवलदार सिपाही ने दी आईपीएस को ‘सुरक्षित’ सजा!
रोहिणी जिला डीसीपी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा चारों तरफ से कड़ी घेराबंदी के बाद 11 आरोपी पुलिसकर्मियों के निलंबन की पुष्टि की है टीवी9 इंडिया से करें। उस मनहूस रात में इन निलंबित पुलिसकर्मियों के नाम और पदस्थापना कहां और क्या थी? इस संबंध में भी डीसीपी ने शुक्रवार को टीवी9 भारतवर्ष के साथ कुछ भी साझा करने से परहेज किया। संक्षेप में बता दें कि लापरवाही बरतने वाले 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. सभी निलंबित लोगों को पुलिस लाइन में रिपोर्ट करने को कहा गया है. जब तक उसके खिलाफ शुरू की गई जांच पूरी नहीं हो जाती। आरोपियों के नाम बताने पर रोहिणी जिले के डीसीपी ने टीवी9 भारतवर्ष को 11 कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया आईपीएस गुरिकबल सिंह सिद्धू TV9 भारतवर्ष इन सभी निलंबित पुलिसकर्मियों के नाम यहां दे रहा है, भले ही वे पूरे दिन जीवित रहे हों।